दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कन्हैया कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। इसी बहाने उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी बड़ा हमला बोला। गुरुवार सुबह एक ट्वीट में केजरीवाल ने कहा कि कन्हैया ने देशद्रोह किया या नहीं इसकी जांच चल रही है। साथ ही केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली सरकार के काम रोक रहे हैं क्या ये देशद्रोह नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘’मुझे नहीं पता कन्हैया ने देशद्रोह किया है या नहीं, उसकी जांच क़ानून विभाग कर रहा है।
उधर मोदी जी ने दिल्ली के बच्चों के स्कूल रोके, अस्पताल रोके, CCTV कैमरे रोके, मोहल्ला क्लीनिक रोके, दिल्ली को ठप्प करने की पूरी कोशिश की - क्या ये देशद्रोह नहीं है?’’ गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार उनके काम में रोड़ा अटका रही है। इससे पहले भी कई मौकों पर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव देखने को मिला है। इस बीच अब अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही जेएनयू में लगे कथित देशद्रोही नारों के मामले में चार्जशीट दायर की गई थी। इसपर दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने राज्य सरकार के कानून सचिव को नोटिस जारी किया है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने नियमों के खिलाफ जाते हुए इस मामले की फाइल सीधे कानून सचिव को भेजी है। सरकार का कहना है कि पहले ये फाइल गृह विभाग को भेजी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा है कि फाइल को कानून मंत्री को भी नहीं दिखाया गया है।
उधर मोदी जी ने दिल्ली के बच्चों के स्कूल रोके, अस्पताल रोके, CCTV कैमरे रोके, मोहल्ला क्लीनिक रोके, दिल्ली को ठप्प करने की पूरी कोशिश की - क्या ये देशद्रोह नहीं है?’’ गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार उनके काम में रोड़ा अटका रही है। इससे पहले भी कई मौकों पर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव देखने को मिला है। इस बीच अब अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही जेएनयू में लगे कथित देशद्रोही नारों के मामले में चार्जशीट दायर की गई थी। इसपर दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने राज्य सरकार के कानून सचिव को नोटिस जारी किया है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने नियमों के खिलाफ जाते हुए इस मामले की फाइल सीधे कानून सचिव को भेजी है। सरकार का कहना है कि पहले ये फाइल गृह विभाग को भेजी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा है कि फाइल को कानून मंत्री को भी नहीं दिखाया गया है।
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